[Chorus]
फिर एक कश भरा और में आसमान में
ऊपर से देखूं भी न में तो अपनी मौज मैं
गाड़ी में bass बजते ही आई ताज़गी
रातों मैं गेडियां मरूंगा मैं तो चांद की
फिर एक कश भरा और में आसमान में
ऊपर से देखूं भी न में तो अपनी मौज मैं
गाड़ी में bass बजते ही आई ताज़गी
रातों मैं गेडियां मरूंगा मैं तो चांद की
[Verse]
माशुका देख फिर तू है मेरे होठ पे
छोड़ तू कैसे तुझको मैं बस सोच मैं
क्या चांद से मुखड़े को छुपा के करेगी?
जल ही जाना है ये बदन आजा तू मौज ले
वो इश्क क्या ही है जो सिर्फ दिल पे बोझ दे
इश्क तो है वो जो सारा दर्द छीन ले
में जब भी टूट जाऊं आके मुझको जोड़ दे
ये लम्हे फंस जाएं आके इसको मोड़ दे
[Chorus]
फिर एक कश भरा और में आसमान में
ऊपर से देखूं भी न में तो अपनी मौज मैं
गाड़ी में bass बजते ही आई ताज़गी
रातों मैं गेडियां मरूंगा मैं तो चांद की
फिर एक कश भरा और में आसमान में
ऊपर से देखूं भी न में तो अपनी मौज मैं
गाड़ी में bass बजते ही आई ताज़गी
रातों मैं गेडियां मरूंगा मैं तो चांद की
फिर एक कश भरा और में आसमान में
ऊपर से देखूं भी न में तो अपनी मौज मैं
गाड़ी में bass बजते ही आई ताज़गी
रातों मैं गेडियां मरूंगा मैं तो चांद की
फिर एक कश भरा और में आसमान में
ऊपर से देखूं भी न में तो अपनी मौज मैं
गाड़ी में bass बजते ही आई ताज़गी
रातों मैं गेडियां मरूंगा मैं तो चांद की
[Verse]
माशुका देख फिर तू है मेरे होठ पे
छोड़ तू कैसे तुझको मैं बस सोच मैं
क्या चांद से मुखड़े को छुपा के करेगी?
जल ही जाना है ये बदन आजा तू मौज ले
वो इश्क क्या ही है जो सिर्फ दिल पे बोझ दे
इश्क तो है वो जो सारा दर्द छीन ले
में जब भी टूट जाऊं आके मुझको जोड़ दे
ये लम्हे फंस जाएं आके इसको मोड़ दे
[Chorus]
फिर एक कश भरा और में आसमान में
ऊपर से देखूं भी न में तो अपनी मौज मैं
गाड़ी में bass बजते ही आई ताज़गी
रातों मैं गेडियां मरूंगा मैं तो चांद की
फिर एक कश भरा और में आसमान में
ऊपर से देखूं भी न में तो अपनी मौज मैं
गाड़ी में bass बजते ही आई ताज़गी
रातों मैं गेडियां मरूंगा मैं तो चांद की
( Sudhanwa Vaid )
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